उत्क्रमित उच्च विद्यालय खुकड़ाडीह में चला माहवारी स्वच्छता अभियान
माहवारी के दौरान हार्मोन से शारीरिक व मानसिक बदलावों के बारे बच्चे हुए अवगत ।
विद्यालय की सभी बच्चियों को मिला पर्यावरण अनुकूल प्रोजेक्ट वाला रियूजेबल पैड का उपहार ।
किशोरों को भी किया गया माहवारी स्वास्थ्य व जेंडर समानता के प्रति जागरूक ।
विद्यालय में पिछले पांच वर्षो से है सैनिटरी पैडबैंक एवं इंसिनिरेटर की व्यवस्था ।
जमशेदपुर : स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के द्वारा राज्य भर के विद्यालयों में माहवारी स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में उत्क्रमित उच्च विद्यालय खुकड़ाडीह में किशोरियों और बच्चों के साथ माहवारी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। विद्यालय में नियमित तौर पर सामाजिक संस्था निश्चय फाउंडेशन के द्वारा कार्यक्रम कर बच्चों को जागरूक किया जाता है। कार्यक्रम के दौरान झारखंड के पैडमेन तरुण कुमार ने किशोरियों को बताया की 10 से 12 वर्ष के करीब किशोरियों में प्यूबर्टी के साथ ही माहवारी की शुरुआत होती है, इसके बाद बच्चियों के शरीर में तेजी से शारीरिक व मानसिक विकास देखने को मिलता है। बेहतर स्वास्थ्य हेतु किशोरियों व महिलाओं को माहवारी स्वच्छता के उचित साधन का उपयोग अहम है अन्यथा कई तरह की स्वास्थ्य परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। मौके पर विद्यालय की सभी बच्चियों को मासिक धर्म प्रबंधन हेतु पर्यावरण अनुकूल प्रोजेक्ट वाला रियूजेबल पैड किट का उपहार दिया गया। प्रोजेक्ट बाला किट में तीन रियूजेबल पैड है, जिसका इस्तेमाल बच्चियां लगभग दो साल तक बार बार धोकर कर सकती है। रियूजेबल पैड मिलने से बच्चियों में काफी खुशी देखी गई। बच्चियों ने बताया की आर्थिक अभाव में हर महीने पैड खरीदने में काफी परेशानी होती थी, रियूजेबल पैड मिलने से अब उन्हें काफी आसानी होगी।
विद्यालय में पिछले पांच वर्षो से सैनिटरी पैड बैंक एवं इंसिनिरेटर की व्यवस्था है। जिसके इस्तेमाल से बच्चियों में माहवारी स्वास्थ्य के प्रति काफी जागरूकता आई है। कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के पैडबैंक में बच्चियों के उपयोग हेतु 100 पैकेट सैनिटरी पैड का दान जागृति फाउंडेशन, पुणे की सवानंदी रथ के द्वारा किया गया।
किशोरों को भी किया गया माहवारी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक
बढ़ते उम्र में किशोरियों के साथ-साथ किशोरों को भी शारीरिक बदलावों के प्रति अवगत करवाना अहम है। किशोरों के साथ खास कार्यशाला आयोजित कर निश्चय फाउंडेशन के संस्थापक तरुण कुमार ने बच्चों को बताया की समाज में बालिकाओं की सुरक्षा व स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दे काफी महत्व रखते है ।
इन मुद्दों के प्रति बालकों को भी अवगत होना आवश्यक है। प्यूबर्टी के बाद बालक और बालिकाओं दोनो के शरीर में हार्मोनल बदलाव के कारण तेजी से परिवर्तन आते है । हम सभी को बालिकाओं का सम्मान व सहयोग करना चाहिए । माहवारी जैसे मुद्दे पर जागरूक होकर लड़के भी समाज की सोच में बदलाव लाने में अहम भूमिका निभा सकते है। कार्यक्रम के अंत में महिलाओं के लिए कैसे बने सुरक्षित समाज विषयक विद्यालय स्तरीय निबंध प्रतियोगिता में भाग लेने हेतु बच्चों को आमंत्रित किया गया । बेहतर प्रदर्शन करने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया जाएगा।
माहवारी स्वच्छता व जेंडर समानता कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रधानाध्यापक अरुण कुमार, मंजूषा करकेट्टा, रेशमा, बेबी समेत सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं का अहम योगदान रहा।