तेलंगाना राज्य के स्थापना दिवस पर गोलकुंडा किले पर होगा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन
ओआईएन डेस्क : तेलंगाना राज्य का आधिकारिक गठन 2 जून 2014 को हुआ था, इसलिए इस दिन को तेलंगाना स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस बार संस्कृति मंत्रालय, आजादी का अमृत महोत्सव की भावना के अनुरूप तेलंगाना स्थित गोलकुंडा किले में तेलंगाना राज्य का स्थापना दिवस मना रहा है। संस्कृति, पर्यटन और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री जी किशन रेड्डी कल सुबह (2 जून को) ध्वजारोहण कार्यक्रम के साथ दो दिवसीय उत्सव का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद शाम के समय में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। यह समारोह एक भारत श्रेष्ठ भारत पहल के तहत आयोजित किया जा रहा है।
एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना के अनुरूप दो दिवसीय उत्सव का आयोजन
किस दिन क्या है कार्यक्रम
- 2 जून को संचालित होने वाली गतिविधियों के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होगा, जिनमें मार्चपास्ट, फोटो एवं पेंटिंग प्रदर्शनी, सुश्री आनंदजी और उनके समूह द्वारा शास्त्रीय नृत्य प्रदर्शन, मंजुला रामास्वामी तथा उनके समूह द्वारा आयोजित कार्यक्रम के साथ-साथ और भी बहुत कुछ शामिल है। समारोह के दौरान जनता को प्रसिद्ध तेलुगु गायिका सुश्री मंगली व सुश्री मधुप्रिया के गायन को सुनने का भी अवसर प्राप्त होगा। कार्यक्रम का समापन गायक शंकर महादेवन के शानदार प्रदर्शन के साथ होगा, जिसमें देशभक्ति के गीत भी प्रस्तुत किये जाएंगे।
- 3 जून को दिमसा, डप्पू, बोनालू और गुसादी सहित अन्य लोक-नृत्यों की मनमोहक प्रस्तुतियां होंगी। इसके अलावा, राजा राममोहन राय पर आधारित एक नाट्य प्रस्तुति का मंचन किया जाएगा और फिर दिन का समापन बहुभाषी मुशायरे के साथ होगा।
क्या है कार्यक्र्म का उद्देश्य
यह आयोजन किला एवं कहानियां नामक विशेष अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य पूरे भारत में किलों और उनके शानदार इतिहास को उजागर करना तथा भारत के सांस्कृतिक गौरव को विषयवार बढ़ावा देना है। सांस्कृतिक गौरव की विषयवस्तु भारत की जीवंत संस्कृति व इतिहास का सम्मान है। यह उन गुमनाम नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित करता है, जिन्होंने राष्ट्र की स्वतंत्रता और उज्जवल भविष्य के लिए निःस्वार्थ रूप से अपने वर्तमान का बलिदान कर दिया। यह मूल रूप से हमारी सांस्कृतिक पहचान के मूर्त और अमूर्त दोनों ही पहलुओं का उत्सव मनाता है। इस विषय के तहत, किला एवं कहानियां अभियान भारत में विभिन्न किलों की अनूठी विशेषताओं तथा ऐतिहासिक महत्व को प्रदर्शित करने का प्रयास करता है, जो हमारे अतीत से जुड़ने व हमारी सांस्कृतिक विरासत का सम्मान करने का अवसर प्रदान करता है।