स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के आप्त सचिव ओमप्रकाश सिंह का वक्तव्य
डोरंडा थाना प्रभारी और सरयू राय ने मिलकर षड्यंत्र के तहत FIR से हटाया नाम : ओमप्रकाश सिंह
रांची सिविल कोर्ट ने सरयू राय का नाम फिर से अभियुक्त के तौर पर जोड़ने का दिया आदेश
स्वास्थ्य विभाग द्वारा झारखंड के रांची स्थित डोरण्डा थाना में एक प्राथमिकी दर्ज करायी थी जिसमें कोरोना प्रोत्साहन राशि भुगतान से संबंधित विभागीय गोपनीय संचिका के अंश को एवं गोपनीय दस्तावेज को चोरी कर सर्वाजनिक करने का मामला में विधायक सरयू राय को अभियुक्त बनाया गया था, जिसका डोरण्डा कांड संख्या 105 / 2022 है.
इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के आप्त सचिव ओमप्रकाश सिंह ने डोरंडा स्थित सरकारी आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा करते हुए कहा कि इस संदर्भ में न्यायालय ने 27 जून को एक आदेश पारित करते हुए कहा है कि “समस्त तथ्यों एवं परिस्थितियों के अवलोकन से प्रतीत होता है कि प्रसांगिक अभियुक्त का नाम औपचारिक प्राथमिकी के साथ संलग्न लिखित आवेदनों में अभियुक्त के रूप में अंकित है.
साथ ही अद्यतन कांड दैनिकी के वर्णित कंडिकाओं में भी विभिन्न साक्षियों ने धारा 161 दंड प्रक्रिया संहिता के अन्तर्गत प्रसांगिक अभियुक्त को अपराधकर्मी के रूप में चिन्हित किया है.साथ ही न्यायालय में यह भी उल्लेखित किया गया है कि “उपरोक्त परिस्थिति में अनुसंधान अधिकारी द्वारा दाखिल 7 जून के याचिका को स्वीकृत किया जाता है कि वह प्राथमिकी के कॉलम संख्या 7 में प्रसांगिक अभियुक्त विधायक सरयू राय का नाम जोड़े”.
आप्त सचिव ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि प्रोत्साहन राशि भुगतान संबंधित मामला में आखिर वह कौन अदृश्य ताकत है जो इतना ताकतवर है कि कोर्ट में प्रस्तुत होने के बाद भी प्राथमिकी से वाइटनर लगाकर दस्तावेजों के साथ छेड़खानी कर न्यायालय को गुमराह कर विधायक सरयू राय को बचाना चाहता है?
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से संबंधित विभाग द्वारा 2 मई 2023 को एक प्राथमिकी दर्ज की जाती है जिसके बाद तत्कालिन थाना प्रभारी द्वारा विभिन्न धाराओं यथा 409/379/411/120B/4201 आइपीसी एवं ऑफिसियल सिक्रेट एक्ट 5 (1) ए/5 (2) के तहत रजिस्टर्ड किया गया है, जिसमें विधायक सरयू राय एवं अज्ञातकर्मी को अभियुक्त बनाया गया है. ओमप्रकाश सिंह ने आरोप लगाया कि शायद उसी अदृश्य शक्ति के लालच या प्रभाव या डर के कारण प्राथमिकी के कॉलम 7 अर्थात अभियुक्त के कॉलम में मात्र अज्ञात कार्यालयकर्मी का ही नाम अंकित है जबकि सरयू राय का नाम मिटा दिया गया है!
वहीं अन्य अंकित लिपि पर वाइटनर लगा दिया गया है, जिसको संज्ञान में लेते हुए माननीय न्यायलय ने अपने ऑर्डरशीट में उल्लेखित किया है “अभिलेख एवं अनुसंधान अधिकारी द्वारा प्रस्तुत अद्यतन कांड दैनिकी का अवलोकन किया, प्राथमिकी के अवलोकन से स्पष्ट है कि प्राथमिकी के कॉलम संख्या 7, अभियुक्त के कॉलम में मात्र अज्ञात कार्यालयकर्मी का नाम अंकित है जबकि अन्य अंकित लिपि पर वाइटनर लगा है, औपचारिक प्राथमिकी के साथ संलग्न दो लिखित आवेदनों पर प्रसांगिक अभियुक्त विधायक सरयू राय का नाम उल्लेखित है. यहां तक की साक्षीयों के बयान में भी विधायक सरयू राय का नाम उल्लेखित था”
ओमप्रकाश सिंह ने कहा है कि किसी के दबाव, लालच या प्रभाव में विधायक सरयू राय का नाम हटा दिया गया, जिसे उल्लेखित करते हुए न्यायालय ने भी आदेश दिया है.उन्होंने राज्य के डीजीपी और रांची एसएसपी से मांग किया कि इसकी जाँच करते हुए दोषियों को चिह्ननीत करते हुए कड़ी से कड़ी कार्यवाई करें!