रक्षा मंत्री ने मालदीव को सौंपा तेज गश्ती जहाज और लैंडिंग क्राफ्ट आक्रमण जहाज
मालदीव की अपनी 3 दिवसीय यात्रा के दूसरे दिन, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (एमएनडीएफ) को एक तेज गश्ती जहाज और एक लैंडिंग क्राफ्ट आक्रमण जहाज सौंपा । फास्ट पेट्रोल वेसल उच्च गति पर तटीय और अपतटीय निगरानी में सक्षम है और उसे एमएनडीएफ के तट रक्षक जहाज ‘हुरवी’ के रूप में कमीशन किया गया।
इस अवसर पर श्री सिंह ने कहा कि दोनों ‘मेड इन इंडिया’ प्लेटफार्मों का सौंपा जाना हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में शांति और सुरक्षा के प्रति भारत और मालदीव की साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भारत ने एक मजबूत रक्षा इकोसिस्टम के माध्यम से भागीदार देशों की क्षमता निर्माण को और ज्यादा समर्थन देने के लिए अपनी विनिर्माण क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि की है।
रक्षा मंत्री ने कहा, “भारत हाल के वर्षों में एक प्रमुख रक्षा निर्यातक के रूप में उभरा है। एक रक्षा निर्माण इकोसिस्टम बनाया गया है जिसे प्रचुर मात्रा में तकनीकी मानवशक्ति का लाभ मिला है। हम न केवल अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए, बल्कि निर्यात के लिए भी विश्व स्तरीय उपकरणों का उत्पादन करते हैं। भारत मैत्रीपूर्ण देशों को एक बेहतर रक्षा साझेदारी प्रदान करता है, जो उनकी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और क्षमताओं के अनुरूप है। हम सहजीवी संबंध बनाना चाहते हैं जहां हम एक-दूसरे से सीख सकें, एक साथ बढ़ सकें और सभी के लिए विजय की स्थिति का निर्माण कर सकें। मालदीव को समर्थन देने की भारत की प्रतिबद्धता समय के साथ और मजबूत होती जाएगी।”
मालदीव के साथ भारत के मजबूत रक्षा सहयोग पर, उनहोंने कहा कि आपसी संबंध ‘पड़ोसी प्रथम’ और ‘सागर’ (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) की दो नीतियों पर आधारित हैं। उन्होंने जून 2019 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की मालदीव की यात्रा को याद किया, जिसके दौरान उन्होंने जोर देकर कहा था कि “‘पड़ोसी प्रथम’ हमारी प्राथमिकता है और पड़ोस में, ‘मालदीव प्राथमिकता है’।”
रक्षा मंत्री ने क्षेत्र के समक्ष मौजूद आम चुनौतियों का समाधान करने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में राष्ट्रों के बीच सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “हिंद महासागर हमारा साझा क्षेत्र है। क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि की प्राथमिक जिम्मेदारी उन लोगों की है जो इस क्षेत्र में रहते हैं। एक क्षेत्र की शांति और सुरक्षा क्षेत्रीय शक्तियों के सहयोग और सहकार से सबसे अच्छी तरह से सुनिश्चित होती है।”
अपने कार्यक्रमों के पहले दिन उन्होंने मालदीव के अपने समकक्ष और मालदीव के विदेश मंत्री श्री अब्दुल्ला शाहिद के साथ बातचीत की थी । इस अवसर पर मालदीव के राष्ट्रपति श्री इब्राहिम मोहम्मद सोलिह और रक्षा मंत्री सुश्री मारिया अहमद दीदी उपस्थित थे।